कुछ पौराणिक प्रसंग
प्रश्न है कि भगवान ने गोपियों के वस्त्र क्यों चुराए ?
भगवान ने इसका उत्तर दिया -
१ - किसी को स्नान,दान और शयन के समय निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए। जल में गोपियाँ स्नान कर रहीं थीं ,जल के देवता वरुण हैं। और भगवान तो सर्वत्र व्याप्त हैं।
२ -एक बात महत्वपूर्ण ये कि मनुष्य के पितृ देवता सदैव उसके चारों ओर व्याप्त होते हैं ,स्नान करते समय जो जल की बूँदें गिरती हैं उन्ही से वो अपनी प्यास बुझाते हैं अगर नग्न स्नान करेंगे तो पितृ देवता वहां से प्यासे ही चले जायेंगे।
१ - किसी को स्नान,दान और शयन के समय निर्वस्त्र नहीं होना चाहिए। जल में गोपियाँ स्नान कर रहीं थीं ,जल के देवता वरुण हैं। और भगवान तो सर्वत्र व्याप्त हैं।
२ -एक बात महत्वपूर्ण ये कि मनुष्य के पितृ देवता सदैव उसके चारों ओर व्याप्त होते हैं ,स्नान करते समय जो जल की बूँदें गिरती हैं उन्ही से वो अपनी प्यास बुझाते हैं अगर नग्न स्नान करेंगे तो पितृ देवता वहां से प्यासे ही चले जायेंगे।
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कृष्ण भगवान ने मुरली की तीन विशेषताएँ बतायीं हैं -
1. वह बिना किसीके बोले बोलती नहीं है।
2. वह मीठा बोलती है।
3. वह पोली होती है यानि उसके अंदर कोई छल नहीं होता।
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