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Wednesday 8 July 2015

मोक्ष --- एक अनोखी कल्पना ( हास्य )


एक अनोखी कल्पना  ( हास्य )

-- कभी - कभी व्यक्ति यथार्थ के चिन्तन में इतना खोजाता है कि वहाँ से निकलने को छटपटाने लगता है कि कैसे यहाँ से छुटकारा पाऊँ। ऐसी ही स्थिति  से जब एकबार मैं गुज़री तो मेरे शरारती मस्तिष्क ने सोचा आखिर इस चौरासी लाख योनियों से कैसे छुटकारा पाया जाय और तब एक अद्भुत कल्पना ने जन्म लिया  ----

सब  जानते हैं -
मोक्ष बड़ी मुश्किल है
जी करता है -
एलियन  बनकर लोगों की कल्पना में -
जीवन्त प्राणी बनूँ या -
एनीमेशन या कार्टून फिल्म का चरित्र बनूँ -
कभी चूहा ,कभी बिल्ला या खरगोश ,बन्दर ,मगर
जिन्हे सुख-दुःख का कोई ऐहसास नहीं
फिल्म ख़तम जीवन ख़तम
और इस तरह --
चौरासी लाख योनियों के
झंझट से मुक्ति पाकर मोक्ष पाजाऊँ !!
                                             ------------