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Monday, 17 February 2014

श्रद्धांजलि -----पुत्री के उद्गार

पुत्री के उद्गार: अपने पापा के प्रति 

पापा ,आप मेरे कारण दुखी थे
पर पापा उसमें मेरा क्या दोष था ?
आपके दुःख के कारण शादी करने का निश्चय किया -
और की भी !
आपका भी सारा काम मैंने कर -
आपकी परेशानी दूर की।
आपका आशीर्वाद भी मिला -
मैं खुश भी देखी आपने -
आपके आशीर्वाद से घर भी बना
आपने देखा भी "पा "
आपने नाती को भी देखा।
और इसके बाद, 
हमें इतना बड़ा "अभाव" देकर चले गए -
पापा, ये आपने अच्छा नहीं किया -
पर मुझे महसूस ज़रूर हुआ है अनेक बार -
"आप मेरे पास ही हैं"-
और हमें वह सब दे रहे  हैं, 
जो पहले नहीं दिया,पापा!

           आपका आशीर्वाद बना रहे ।
              श्रद्धानत आपकी बेटी।  

                          ----------- 

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