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Friday 29 November 2013

मेरे बच्चे


बच्चे होते बड़े -----

मेरे बच्चे  बड़े सयाने ,      कष्टों के हैं बड़े दीवाने 
जितना मिलता  कष्ट उन्हें, आनन्द उसी में पाते हैं ,
घबराहट का काम नहीं ,  संतुलन बनाये रखते  हैं
इसीलिये हर मुश्किल का डटकर मुकाबला करते हैं
मुश्किल और कष्ट-कठिनाई,घुटने टेक खड़े रहते ,
सबका दिल खुश करते हैं , संतोष इसी में पाते हैं।
कोई नदी-पहाड़ों में खुश,कोई खुश देश-भ्रमण में है,
संघर्षों के बीच इसी में ,जीवन का सुख पाते हैं --
           जीवन का है सत्य यही फिर   क्या  घबराना
           ईश्वर  का आशीष ,कभी  पीछे मत हटना --
           माँ का है  अति -प्यार ,कभी इसको मत खोना।
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