बच्चे होते बड़े -----
मेरे बच्चे बड़े सयाने , कष्टों के हैं बड़े दीवाने
जितना मिलता कष्ट उन्हें, आनन्द उसी में पाते हैं ,
घबराहट का काम नहीं , संतुलन बनाये रखते हैं
इसीलिये हर मुश्किल का डटकर मुकाबला करते हैं
मुश्किल और कष्ट-कठिनाई,घुटने टेक खड़े रहते ,
सबका दिल खुश करते हैं , संतोष इसी में पाते हैं।
कोई नदी-पहाड़ों में खुश,कोई खुश देश-भ्रमण में है,
संघर्षों के बीच इसी में ,जीवन का सुख पाते हैं --
जीवन का है सत्य यही फिर क्या घबराना
ईश्वर का आशीष ,कभी पीछे मत हटना --
माँ का है अति -प्यार ,कभी इसको मत खोना।
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