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Tuesday, 20 July 2021


नारी के सन्दर्भ में प्रायः लिखती रही हूँ ,आज मन किया कि उसे भारतीय-संस्कृति का भी ध्यान दिलाया जाय तो कुछ शब्द लेखनी से बरबस निकल पड़े --


अरे कभी तो -----------------!!


अरे कभी तो पत्नी बन कर देखो ;

कितना आनंद है !

कभी एक मीठी मुस्कान के साथ -

नयन चार करके देखो ;

मौसम बदल जायेगा !

कभी एक कप कॉफी ऑफर कर देखो ;

अद्भुत दृश्य समक्ष होगा !

कभी डोर पर आने से पहले -

दरवाज़े पर खड़ी होकर तो देखो -

दिन-भर की थकान दूर होजायेगी !

कभी कोरोना काल के बचाआत्मसंवाद व के साथ -

एकाकी घूमने की इच्छा तो व्यक्त करके देखो -

खुला आसमान बाहें फैला कर तुम्हारा स्वागत करेगा !

कभी जन्म-दिवस पर गिफ्ट न देकर -

होटल में खाना न खाकर -

भारतीय शैली में भारतीय खाना खिला कर तो देखो ;

जीवन की सारी  शिकायतें दूर हो जाएँगी !

कभी सॉरी तो कभी प्लीज़ भी कह कर ,

कभी छोटी-बड़ी किसी भूल को ,

इग्नोर करके तो देखो ;

जीवन के रंग बदल जायेंगे !

 अरे कभी तो  --------------


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