नारी के सन्दर्भ में प्रायः लिखती रही हूँ ,आज मन किया कि उसे भारतीय-संस्कृति का भी ध्यान दिलाया जाय तो कुछ शब्द लेखनी से बरबस निकल पड़े --
अरे कभी तो -----------------!!
अरे कभी तो पत्नी बन कर देखो ;
कितना आनंद है !
कभी एक मीठी मुस्कान के साथ -
नयन चार करके देखो ;
मौसम बदल जायेगा !
कभी एक कप कॉफी ऑफर कर देखो ;
अद्भुत दृश्य समक्ष होगा !
कभी डोर पर आने से पहले -
दरवाज़े पर खड़ी होकर तो देखो -
दिन-भर की थकान दूर होजायेगी !
कभी कोरोना काल के बचाआत्मसंवाद व के साथ -
एकाकी घूमने की इच्छा तो व्यक्त करके देखो -
खुला आसमान बाहें फैला कर तुम्हारा स्वागत करेगा !
कभी जन्म-दिवस पर गिफ्ट न देकर -
होटल में खाना न खाकर -
भारतीय शैली में भारतीय खाना खिला कर तो देखो ;
जीवन की सारी शिकायतें दूर हो जाएँगी !
कभी सॉरी तो कभी प्लीज़ भी कह कर ,
कभी छोटी-बड़ी किसी भूल को ,
इग्नोर करके तो देखो ;
जीवन के रंग बदल जायेंगे !
अरे कभी तो --------------
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