यादों के झरोखों से ----------
कोशिशें होती रहीं , हम सामना करते रहे ;
मन दुखा,और दिल भी टूटा,अश्रु भी बहते रहे।
देख कर सपने नए नित ,साथ कोई ढूँढ लेंगे ;
जो नहीं बातें कभी की , खूब सारी वो करेंगे।
"तुम बताओ तुम हो कैसे , हम बताएँ हम हैं कैसे ;
बिन हमारे तुम हो कैसे , बिन तुम्हारे हम हैं कैसे।
रह रहे हैं ठाठ से कैसे , तुम्हारे बिन भी हम ;
मौन रहकर,मूक रहकर भी तुम्हारे साथ हैं हम।
तुम बड़े कमज़ोर दिल के, हम बड़े मजबूत हैं ;
छोड़ करके तुम गए , पर हम बड़े मजबूर हैं।
कर्म का लेखा समझ कर , जीत लेंगे जिंदगी ;
फिर मिलेंगे , फिर मिलेंगे , फिर मिलेंगे जिंदगी।
***********
No comments:
Post a Comment