भाई के प्रति
अच्छा ही हुआ मेरे भाई ,जो तुम चले गए ,
मोह-माया ,आसक्ति के भ्रम-जाल से मुक्त गए ,
याद तो बहुत आते हो मेरे भाई ,क्योंकि तुम बहुत प्रिय थे,
किन्तु बहाना बना कर गए ,ये अच्छा नहीं लगा।
चाहे-अनचाहे कर्मों को भी भोग लिया ,
स्वास्थ्य भी साथ नहीं दे रहा था ,
इसलिए अब तुम्हारा जाना ही ठीक लगा।
आँसू नहीं रुकते ,पर किसी अव्यक्त दुःख से -
मुक्ति मिली ,मेरे भाई, इसलिए
तुम्हारा जाना ही ज़्यादा अच्छा लगा।
जहां भी हो खुश रहना ,भाई मेरे।
शुभाशीष के साथ -
बहिन।
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