गलतफहमियाँ ( हास्य )
अगर सम्बन्धों में दरार न होती ,
अगर सम्बन्धों में दरार न होती ,
मित्रता में ग़लतफ़हमी न होती
तो ज़िन्दगी नीरस हो जाती
हृदय -कमल मुरझा जाते
खुशियाँ बासी हो जातीं
ये भ्रांतियाँ ही हैं जो
जीवन में रस घोलती हैं ,
ये ग़लतफ़हमियाँ ही हैं
जो जीवन में फूल खिलातीं हैं
जीवन को मधुरतम बनातीं है
इसलिए खुश रहो ,आबाद रहो
क्योंकि जब भी कोई गलतफहमी होती है
तो सदैव एक नयी जानकारी होती है
करते रहो ,करते रहो खूब
गलतफहमियाँ करते रहो |
****
wah!!!kitney ucch saral vichar....
ReplyDeleteथैंक यू …………।
Delete:)
माँ
hmmm.....thinking time....
ReplyDeleteAn optimistic view maam.
ReplyDelete