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Monday, 16 August 2021

 लीमाखोंग तुम बहुत याद आओगे -----


कुछ समय बेटे की पोस्टिंग पर मणिपुर के लीमाखोंग नगर में रहने का अवसर मिला। बहुत ही मनभावन शांत और दिलखुश जगह ! किन्तु अगली पोस्टिंग बीकानेर का नाम  सुन जो फील हुआ उसे शब्दों में उतारने का प्रयत्न है ये मेरी रचना -- 


"लीमाखोंग" तुम बहुत याद आओगे ----------


जब नीला आसमान धूल से आच्छादित हो जायेगा 

जब तप्त ज़मीन आग उगलेगी

जब हरे-हरे पत्ते गर्मी से झुलस कर 

पीले और मटमैले नज़र आयेंगे 

तब लीमाखोंग तुम बहुत याद आओगे -------


जब गर्मी की तीखी चुभन काँटों सी  चुभेगी 

जब एसी,कूलर,पंखा सब बंद होजायेंगे   

जब तप्त हवा के झोंकेशरीर को झुलसायेंगे 

तब लीमाखोंग तुम बहुत याद आओगे -------

 

जब फ्रिज भी मुँहु चिढ़ाने लगेगा 

नल का उबला  हुआ पानी देह को जलाएगा 

पसीने की गंध भी एक दूसरे को नहीं सुहाएगी  

तब लीमाखोंग तुम बहुत याद आओगे  ------


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