Visitors

Sunday 4 September 2016

सदाबहार शिक्षक


सदाबहार शिक्षक  ( शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ )

एक अध्यापक गहन चिन्तन में -
अपने विचारों को खाली पन्नों पर उकेरने के लिये तत्पर -
घण्टी बजती है,अध्यापक द्रुत गति से जाता है  ;
दरवाज़ा खोलता है -
दोनों ही एक दूसरे को देख दंग रहजाते हैं -
आगन्तुक के चेहरे पर झुर्रियाँ,उदासी,थकान और -
शिक्षक,बहुत उत्साहित,सचेत,जागरूक,खिला हुआ चेहरा -
निराशा,हताशा,उदासी,थकान से कोसों दूर -
पास बैठे छात्र देख रहे थे,ज्ञात हुआ,दोनों मित्र हैं।
सम-वयस्क हैं, दोनों ही लगभग साठ पार कर चुके हैं ,कार्य-रत हैं फिर !! क्योंकि -

"अध्यापक सदैव छोटे और युवा छात्रों से घिरा रहता है -
इसलिए वो युवा ही रहता है ,
हमेशा अपने छात्रों को कुछ नया-नया देने की तैयारी में रहता है -
विविध प्रकार का साहित्य पढ़ता है -
उस सामग्री को नया रंग देकर रुचिकर बनाकर छात्रों को सन्तुष्ट करता है -
उच्च स्तर की उनसे हँसी-मज़ाक करता है -
उन्हें "लाइट-मूड" में रखता है और नैतिकता की बातें करता है
इससे बचे समय में अपने अनुभव पन्नों पर उतारता है।
स्वयं को  एक आदर्श रूप में प्रस्तुत करता है।"

फिर आयु की किसी भी पर्त का उस पर प्रभाव कब और कैसे हो !!
वो सदा "सदाबहार" रहता है।

( सभी छात्रों और शिक्षकों को " शिक्षक दिवस " की हार्दिक शुभ कामनाएँ क्योंकि छात्रों से -
ही शिक्षक का अस्तित्व है। )

                                ----------      




No comments:

Post a Comment