अनुभव
Tuesday, 8 February 2022
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एक वर्णीय शब्द " माँ " सुनील - माँ आज शाम को मैं अपने एक दोस्त के घर खेलने जाऊँ ! माँ - नहीं , कोई ज़रुरत नहीं कहीं जाने की ...
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मानसिक तनाव क्षणे रुष्टाः क्षणे तुष्टाः,रुष्टा तुष्टा क्षणे क्षणे अव्यवस्थित चित्तानां प्रसादोsपि भयंकरः। ( अर्थात क्षण क्षण में रुष्ट और...
ये बुढ़ियाई आँखें ( हास्य-व्यंग्य )
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ये बुढ़ियाई आँखें (हास्य-व्यंग्य) ना ! ना ! इन्हें निरीह और बेचारी समझने की भूल मत करना।इन आँखों की तरलता में पूरी जीवन्तता है।इनकी जिज...
1 comment:
Sunday, 30 January 2022
प्रहसन
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एक हास्य संवाद - यमराज के साथ सावधान !! (नेपथ्य से) यमराज आरहा है !! आदमी (स्त्री /पुरुष ) - हाँ, वो तो आएगा ही ,सावधान करने की क्या ज़रुरत ...
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अनाम - शीर्षक ?? (1987) जीवन की व्यथा-कथा ! जिसे क्या नाम दूँ,रोमांचक, ह्रदय-विदारक,या फिर दुःखद या सुखद।डरावनी भयावह वो शाम जो अ...
Friday, 20 August 2021
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अभूतपूर्व एक विचार : "क्या ही अच्छा हो कि बच्चे अपने जन्म दिवस पर अपने घर के सीनियर-सिटीजन यानि दादा-दादी,नाना-नानी,माता-पिता या ...
Monday, 16 August 2021
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लीमाखोंग तुम बहुत याद आओगे ----- कुछ समय बेटे की पोस्टिंग पर मणिपुर के लीमाखोंग नगर में रहने का अवसर मिला। बहुत ही मनभावन शांत और दिलखुश जग...
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